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    उद् भव

    के.वि.सं. – दृष्टिकोण और मिशन

    दृष्टिकोण

    के.वि.सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और अपने छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास करता है।

    मिशन

    • शिक्षा का एक सामान्य कार्यक्रम प्रदान करके रक्षा और अर्ध-सैन्य कर्मियों सहित केंद्र सरकार के स्थानांतरणीय कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना;
    • स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और गति निर्धारित करने के लिए;
    • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आदि जैसे अन्य निकायों के सहयोग से शिक्षा में प्रयोग और नवाचारों को शुरू करना और बढ़ावा देना।
    • राष्ट्रीय एकता की भावना विकसित करना और बच्चों में “भारतीयता” की भावना पैदा करना।
    • भारत सरकार के स्थानांतरित होने वाले कर्मचारियों तथा एक स्थान से दूसरे स्थान पर अस्थाई होने वाली जनता और इसके अलावा देश के दूरवर्ती और अविकसित स्थानों में रहने वाली जनसंख्या के बच्चों के लिए विद्यालय अर्थात केन्द्रीय विद्यालयों की व्यवस्था करना, स्थापित करना, वित्तीय सहायता देना, नियंत्रण और रख-रखाव करना इत्यादि शामिल हैं । इसके साथ-साथ ऐसे सभी कार्य और सुविधाएं उपलब्ध करवाना और अन्य सभी कार्य जो ऐसे विद्यालयों को संचालित करने के लिए आवश्यक हो ।

    मुख्य विशेषताएं

    • सभी केंद्रीय विद्यालयों के लिए सामान्य पाठ्य-पुस्तकें और निर्देशों का द्विभाषी माध्यम।
    • सभी केंद्रीय विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हैं।
    • सभी केंद्रीय विद्यालय सह-शैक्षिक, समग्र विद्यालय हैं।
    • कक्षा VI से VIII तक संस्कृत पढ़ाई जाती है।
    • उपयुक्त शिक्षक-छात्र अनुपात द्वारा शिक्षण की गुणवत्ता को यथोचित उच्च रखा जाता है।
    • आठवीं कक्षा तक के लड़कों, बारहवीं कक्षा तक की लड़कियों और एससी/एसटी छात्रों और के.वि.सं. कर्मचारियों के बच्चों के लिए कोई ट्यूशन फीस नहीं।